प्रस्तावना एक परिवार में 65 साल का एक आदमी रहता था। उसके हाथों में कुछ महीनों से कम्पन होने लगा था। उसकी चलने की तीव्रता धीरे-धीरे काम हो रही थी। चलते समय उसको ऐसा लगता था, मानो वह जमीन से चुम्बक की तरह चिपक गया हो। समय के साथ धीरे-धीरे उसको खाते एवं पीते समय गले में फंदा लगने लगा था। उसके घर वाले उसकी परेशानी को उसे बढ़ती उम्र की वजह से बता कर टाल देते थे। एक दिन उसके पास के चिकित्सा शिविर में न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर से मुलाकात हुआ। उस डॉक्टर से मिलने के बाद व्यक्ति को पता चला कि वह पार्किंसन रोग से पीड़ित है और इस बीमारी का इलाज है। वह नियमित रूप से डॉक्टर के बताये हुए दवाइयों का सेवन करता रहा और कुछ ही दिन में अपने आप को पूरी तरह से पहले जैसा स्वस्थ अनुभव करने लगा। पार्किंसन रोग क्या है? हमारे मस्तिष्क की कोशिकाओं में डोपामाइन नाम का रसायन बनता है। यह शरीर के विभिन्न अंगों के चाल को समन्वित करने में सहयोग करता है। पार्किंसंस रोग, मस्तिष्क की डोपामाइन रसायन बनाने वाली तंत्रिका कोशिकाओं को प्रभावित करता है। जिसके कारण मस्तिष्क में डोपामाइन रसायन की मात्रा कम हो जाती। पार्किंसन बीमारी के क्
भूलने की बीमारी (डिमेंशिया रोग) क्या होता है? समाज में डिमेंशिया बीमारी प्रायः भूलने की बीमारी को समझा जाता है। पर आपको यह जानकर आश्चर्य होगा कि, डिमेंशिया बीमारी कई लक्षणों का समूह है, जिसके अंतर्गत विभिन्न प्रकार की समस्याएं हो सकती है। हमारे समाज में ज़्यादातर लोग इस बीमारी को उम्र बढ़ने के कारण समझते हैं, और इसको बुढ़ापे का नतीजा समझते हैं। ज्यादातर डिमेंशिया बड़ी उम्र के लोगों में होता है, पर याद रहे, डिमेंशिया कम आयु में भी हो सकता है। डिमेंशिया बीमारी के क्या-क्या लक्षण हो सकते है? कौन से व्यक्ति में कौन से लक्षण नज़र आयेंगे, यह इस बात पर निर्भर है कि उनके मस्तिष्क के किस हिस्से में हानि हुई है। किसी रोगी मे कुछ लक्षण नज़र आते हैं, तो किसी में कुछ और। जैसे कि, कुछ रोगियों में भूलना इतना प्रमुख नहीं होता, जितना कि व्यवहार में परिवर्तन। डिमेंशिया बीमारी के कुछ प्रमुख लक्षण निम्न प्रकार से है: हाल में हुए नयी बातों को याद करने में दिक्कत आना (याददाश्त का कम होना) व्यक्तित्व के व्यवहार में बदलाव आना या व्यक्तित्व का अजीब तरह से पेश आना चाल और संतुलन में बदलाव आना बोलने एवं समझने में दिक्